कोरोना के कहर के बीच वामपंथी नेता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव, सीताराम येचुरी ने कहा कि भारत को एक राष्ट्र के रूप में इस कोरोना वायरस महामारी से लड़ना है. येचुरी ने न्यूज एजेंसी आइएएनएस से बात करते हुए कहा, "भारत को इस घातक वायरस के खिलाफ साथ मिलकर लड़ना होगा."
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अपने बयान में आगे वामपंथी नेता ने कहा, "देश में लॉकडाउन क्यों लगाया जाता है. इसके पीछे तर्क क्या है? वास्तव में जब देश लॉकडाउन का विकल्प चुनते हैं तो वे इस समय का उपयोग व्यापक पैमाने पर परीक्षण करने के लिए करते हैं ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके. लोगों का परीक्षण करके संक्रमित लोगों को अलग कर दिया जाता है, और बाद में वे धीरे-धीरे लॉकडाउन को खत्म कर देते हैं. ऐसा हर देश कर रहा है. लेकिन हमारे देश में परीक्षण का पैमाना काफी कम है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि तब्लीगी जमात विवाद के बारे में जिक्र करते हुए येचुरी बोले, "किसने इन लोगों को भारत में मलेशिया और इंडोनेशिया से आने की अनुमति दी थी? क्या उनका हवाई अड्डे पर परीक्षण किया गया था या नहीं? ये ऐसे मुद्दे हैं जिनके लिए उन्हें (सरकार) जवाबदेह होना है. लेकिन अभी महामारी पर ध्यान देने की जरूरत है."
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