हर साल भारत में 17 नवम्बर को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। 1920 के दशक के चलते, लेखक वाल्टर लिपमैन एवं एक अमेरिकी दार्शनिक जॉन डेवी, नें एक लोकतांत्रिक समाज में पत्रकारिता के किरदार पर अपने विचार विमर्श को प्रकाशित किया था। पत्रकारिता जनता एवं नीति निर्माताओं के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। इस सिलसिले में अहम भूमिका एक पत्रकार निभाता है। ये पत्रकार कुलीन वर्ग द्वारा बोले गये संदेश को सुनते हैं तथा उन्हें रिकॉर्ड करते हैं। तत्पश्चात इस सूचनाओं को संसाधित किया जाता है तथा जनता के हितार्थ सूचना के लिए प्रकाशित किया जाता है।
पत्रकारिता आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख व्यवसाय है जिसमें समाचारों का एकत्रीकरण, लिखना, जानकारी एकत्रित करके पहुँचाना, सम्पादित करना एवं सम्यक प्रस्तुतीकरण आदि सम्मिलित हैं। आज के युग में पत्रकारिता के भी अनेक माध्यम हो गये हैं; जैसे - अखबार, पत्रिकायें, रेडियो, दूरदर्शन, वेब-पत्रकारिता आदि।
पत्रकारिता की शैलियाँ:-
पत्रकारिता में घटनाओं का लिखित तौर पर वर्णन करने के लिये बहुत सी शैलियों का इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें "पत्रकारिता शैलियाँ" बोलते हैं। समाचार पत्रों एवं पत्र-पत्रिकाओं में प्रायः विशेषज्ञ पत्रकारों द्वारा लिखे गए विचारशील लेख प्रकाशित होते है जिसे "फीचर कहानी" (रूपक) का नाम दिया गया है। फीचर लेख अधिकतर लम्बे प्रकार के लेख होते है जहाँ सीधे समाचार सूचना से ज्यादा शैली पर ध्यान दिया जाता है। ज्यादातर लेख तस्वीर, चित्र या अन्य प्रकार के "कला" के साथ संयुक्त किये जाते हैं। कभी-कभी ये मुद्रण प्रभाव या रंगो से भी प्रकशित किये जाते है। पत्रकारिता विभिन्न तरह की हो सकती है।
पत्रकारिता के प्रकार:-
एम्बुश पत्रकारिता
सेलिब्रिटी पत्रकारिता
कन्वर्जेंस पत्रकारिता
गोंजो पत्रकारिता
खोजी पत्रकारिता
नई पत्रकारिता
विज्ञान पत्रकारिता
खेल पत्रकारिता
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