आज किसी पहचान की जरूरत नानाजी देशमुख को नहीं है. उनकी सोच और विचार आज भी पहले की ही तरह प्रासंगिक हैं. उन्होंने सार्वजनिक जीवन में रहते हुए कभी किसी पद का मोह नहीं किया. भाजपा को यदि छोड़ भी दें तो देश में उनके विचारों को आदर्श मानने वालों की कोई कमी नहीं है. 9 सितंबर 2019 को उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया था. इस सम्मान को उनके परिवार के सदस्य ने ग्रहण किया. यह वक्त उनको एक बार फिर जानने का भी है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
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उन्होंने एक इंटरव्यू में छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड बनने के बाद दिया था. इसमें उन्होंने कई मुद्दो पर अपनी राय व्यक्त की थी. इस इंटरव्यू में उन्होंने उन नेताओं को भी लताड़ लगाई थी जो सीएम बनना चाहते थे. उनका कहना था कि ऐसे नेता जो इसको लेकर आपस में लड़ रहे हैं उन्हें इन नए राज्यों के विकास का रोडमैप लेकर आना चाहिए और बताना चाहिए कि हमारे पास में इस राज्य के विकास के लिए ये रास्ता है. लेकिन ये लोग सिर्फ सीएम की कुर्सी पर बैठने की होड़ में शामिल हो रहे हैं.
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वे भगवान राम को आदर्श मानने वाले नानाजी का कहना था कि उन्होंने किसी भी समय में एक आदर्श मानव, आदर्श पुरुष, आदर्श पति, आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श सखा कैसा होना चाहिए इसकी सीख दुनिया को दी थी. उनका कहना था कि उनके आदर्श हर मजहब पर लागू होते हैं.
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