वर्तमान में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा है कि भारत वर्ष 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा बाजार बन जाएगा. अभी भारत अमेरिका व चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा बाजार है. दुनिया में ऊर्जा की औसत खपत 1.3 फीसद की रफ्तार से हर वर्ष बढ़ रही है लेकिन भारत में ऊर्जा की खपत 4.5 फीसद की रफ्तार से बढ़ रही है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उद्योग चैंबर फिक्की के सालाना समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि सबसे बड़े ऊर्जा बाजार होने की वजह से भारत को ऊर्जा आपूर्ति को लेकर भी अपनी अलग नीति बनानी होगी, जिसमें पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों के साथ ही गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों का एक बेहतर मिश्रण होना चाहिए.
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अपने बयान में प्रधान ने कहा कि जिस हिसाब से देश में ऊर्जा की खपत बढ़ रही है उसे देखते हुए इस क्षेत्र में बहुत ही बड़ा निवेश भी करने की जरुरत होगी. खास तौर पर गैस आधारित उद्योगों में 100 अरब डॉलर का नया निवेश अगले कुछ वर्षो में होगा. भारतीय अर्थव्यवस्था में गैस की हिस्सेदारी धीरे धीरे काफी बढ़ रही है. सरकार की नीति भी यही है कि गैस पर हमारी निर्भरता सबसे ज्यादा हो.
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