नागरिकता संशोधन कानून का भारत के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है. जिसका सबसे ज्यादा विरोध विपक्ष यानी कांग्रेस की और से देखने को मिल रहा है. वही, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इन आरोपों से इन्कार किया कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उनके रुख में कोई परिवर्तन आया है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनकी यह टिप्पणी उनके उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने कहा था कि जब संसद ने कानून पास कर दिया है तो कोई भी राज्य सीएए को लागू करने से इन्कार नहीं कर सकता. वरिष्ठ वकील ने यह भी कहा कि जिन विधानसभाओं में सीएए को लेकर प्रस्ताव पास हुए हैं वे सब वैध हैं, क्योंकि प्रस्ताव पास करने के लिए सभी विधानसभा के पास संवैधानिक अधिकार हैं. यदि सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को संवैधानिक करार दिया तो फिर किसी भी राज्य के लिए इसका विरोध करने से समस्या खड़ी हो जाएगी.
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इसके अलावा सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, 'हमेशा कहा है कि सीएए असंवैधानिक है. केरल में 18 जनवरी को यूडीएफ की महारैली में सीएए पर सरकार के नौ झूठों को बेनकाब किया गया. रैली में मैंने कहा कि सीएए को अरब सागर में फेंक देना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'मेरा भाषण यूट्यूब पर मौजूद है. मैंने कहा कि विधानसभा का प्रस्ताव वैध है. उच्चतम न्यायालय में सीएए के खिलाफ दलीलें दी जा रही हैं, इसलिए रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. किसी स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है.
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