नेशनल खिलाडी ने PM मोदी को खून से लिखा खत और कर ली आत्महत्या

नेशनल खिलाडी ने PM मोदी को खून से लिखा खत और कर ली आत्महत्या
Share:

पंजाब / पटियाला : एक तरफ जहां ओलिंपिक में लड़कियां मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर रही हैं, वहीं दूसरी और पटियाला की नेशनल हैंडबॉल प्लेयर 20 वर्षीय पूजा ने हॉस्टल की फीस न दे पाने की वजह से दुखी होकर अपनी ज़िंदगी को ख़त्म कर लिया। 3720 रुपए फीस न देने पर कोच ने हॉस्टल में कमरा देने से मना कर दिया था। घटनास्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। जिसमे पूजा ने अपने खून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कुछ बातें लिखी हैं। इस घटना के बाद से ही कोच फरार है।

बता दे कि अच्छी परफाॅर्मेंस के बल पर पूजा को कॉलेज में दो दिन पहले ही एडमिशन मिला था। आत्महत्या करने से पहले पूजा ने सात पेज का सुसाइड नोट लिखा है। इसके ऊपर उसने अपने खून से पीएम मोदी के लिए कुछ बातें लिखी हैं और कोच पर परेशान करने का आरोप लगाया है।

पूजा ने लिखा है कि - एक तो काफी मुश्किल से एडमिशन मिला। इसके बाद जब हॉस्टल की बात आई तो कोच ने चक्कर कटवाए, फिर कमरा देने से इंकार कर दिया। पूजा का आरोप है कि जब उसने अन्य लोकल लड़कियों को हॉस्टल में कमरा मिलने की बात कही तो कोच ने उसे उल्टा-सीधा कहा। पूजा ने लिखा कि हॉस्टल न मिलने से कॉलेज आने-जाने में रोजाना 120 रुपए खर्च आ रहा था, जो हमारे परिवार के लिए मुश्किल हो गया था। अपने परिवार को गरीब और असहाय बताते हुए मोदी से इंसाफ की मांग की है। पूजा ने लिखा है, 'मेरा सपना आर्मी में जाना था। लेकिन, कई लोगों की वजह से मेरी पढ़ाई खराब हाे रही थी। 'जिसके घर में 3 बेटियां हों, वह व्यक्ति पूरी कोशिश करता है कि बेटी पढ़े। लेकिन, कुछ अमीर लोग कभी आगे नहीं बढ़ने देते। श्री मोदी जी! ये न हो कि ऐसे ही हम जैसी बेटियां गरीबी और पढ़ाई न मिलने के कारण मरती रहें।

साथ ही पूजा ने अपने पिता के लिए लिखा - नमस्ते पापा! ये आखिरी नमस्ते है। इसका कारण हैं गिल सर। उनकी गलती की वजह से ही मैं आत्महत्या करने जा रही हूं। पिछले साल हमें, कबड्‌डी और हॉकी प्लेयर्स को हॉस्टल मिल गया था। इस साल कबड्‌डी-हॉकी की लड़कियां मेडल लेकर नहीं आईं तो हॉस्टल नहीं मिला। इसमें लड़कियों का क्या कसूर था। ये गिल सर की गलती थी। उन्होंने कबड्‌डी वालों को कोई कोच नहीं दिया था। वे खुद ही मेहनत करती थीं। जबकि गिल सर को सरकार से तनख्वाह मिलती थी, वो पैसा भी वह खुद खा जाते थे। अब मुझे और पुष्पा को कॉलेज में तो एडमिशन दे दिया मगर हाॅस्टल में नहीं दिया जबकि पिछले साल हमको हॉस्टल दिया गया था। इस साल कहते हैं कि आप लोकल पटियाला से हो, इसलिए हॉस्टल नहीं मिलेगा तो फिर इंदू शर्मा को क्यों हॉस्टल और कॉलेज में एडमिशन दिया गया। वो भी तो लोकल पटियाला की थी। फिर चाहे उसका घर 21 किलोमीटर दूर था। कबड्‌डी की लड़कियां कहां एडमिशन करवातीं।

पूजा ने लिखा, श्री मोदी जी, मेरा परिवार एक गरीब परिवार है, जहां कमाने वाला एक और खाने वाले पांच लोग हैं, क्या भगवान ऐसे लोगों की कभी मदद नहीं करता। 'मैंने आपको पता नहीं कितनी बार मदद के लिए पत्र भेजा, मगर कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने मेरा पत्र आप तक कभी पहुंचने नहीं दिया। क्या मेरे भाई-बहन सभी पढ़ाई के लिए यूं ही तरसते रहेंगे। श्री मोदी जी मैं जाते-जाते किसी का बुरा नहीं चाहूंगी मगर गिल सर ने जो किया वह बुरा ही था। इनकी वजह से पता नहीं कितनी बेटियां इस साल पढ़ाई नहीं कर पाईं। पापा मेरी आखिरी इच्छा यह है कि मेरा अंतिम संस्कार हरदीप कौर के हाथों किया जाए, वह एक पवित्र और बहादुर लड़की है और मेरी बेस्ट फ्रेंड भी। हरदीप, प्लीज आखिरी बार माफ कर देना, मगर मैं हार चुकी हूं। इस बेइमान दुनिया में अब आपकी बंदरिया आपको कभी भी तंग नहीं करेगी।'पापा बहुत ज्यादा प्यार करती हूं आपसे, बस कभी हिम्मत मत हारना। मम्मी दीदी छोटी भाई कभी दुखी मत होना।

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -