नई दिल्ली:भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन(इसरो) एक नया आयाम छूने जा रहा है, जिसमे वह पूर्ण रूप से अपनी व्यवसायिक उड़ान शुरू करने जा रहा है, ये लॉन्च भारत के श्री हरी कोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा. अपने इस मिशन में इसरो ब्रिटेन के दो उपग्रह लॉन्च करेगा. इसके साथ ही भारत उन देशो की श्रेणी में शामिल हो जायेगा जिसके पास विदेशी उपग्रहों को धरती की कक्षा में स्थापित करने की अपनी तकनीक है.
ये मिशन 16 सितम्बर को PSLV C-42 अंतरिक्षयान की मदद से किया जाएगा, जिसमे दो ब्रिटिश उपग्रह नोवासर और एस1-4 जिनका वजन लघभग 450 किलोग्राम के है, जिनका निर्माण ब्रिटिश कंपनी सर्रे सेटेलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड (एसएसटीएल) और इसरो की साझेदारी से हुआ है.
क्या है खासियत:- नोवासर तकनीक प्रदर्शन सेटेलाइट है जिसे 5 बैंड सिंथैटिक राडार तकनीक को धरती से 580 किलोमीटर ऊपर सूर्य की समकालीन कक्षा में स्थापित किया जाएगा. S1-4 एक भूअवलोकन सेटेलाइट है जो धरती पर 1 मीटर से भी छोटी वस्तु को अंतरिक्ष से देख सकता है जो (एसएसटीएल) की भूअवलोकन क्षमताओं को बढ़ाएगा. इससे पहले इसरो ने 23 अप्रैल सन 2007 को अपनी व्यवसायिक उड़ान का आगाज़ किया था जिसमे इटली के खगोलीय उपग्रह AGILE को PSLV C-A ने प्रक्षेपित किया था,उसके बाद 10 जुलाई 2015 PSLV-C - 28 से 5 ब्रिटिश उपग्रहों को प्रक्षपित किया था जिनका कुल वजन 1439 किलो था.
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बता दें कि अब तक भारत 237 विदेशी उपग्रह अंतरिक्ष में भेज चुका है. इस साल इसरो 19 मिशनों को अंजाम देगा जिसका आगाज़ 16 सितम्बर से होगा.
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