बालासाहब ठाकरे की पुण्यतिथि 17 नवंबर को है. इस मौके पर शिवसेना अपने मुख्यमंत्री को शपथ दिलवाने का अरमान पूरा करती नहीं दिख रही है. उसकी इस मांग को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि सरकार बनाने में वक्त लग सकता है.
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मीडिया रिपोर्ट के लिए बता दे कि विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के लिए दबाव बनाना शुरु कर दिया था. लेकिन भाजपा के इस फार्मूले पर राजी न होने से दोनों दलों के बीच 35 साल पुराना गठबंधन टूट गया.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि विपक्षी दलों कांग्रेस-राकांपा के साथ गठबंधन करते ही शिवसेना ने वहां भी मुख्यमंत्री पद की मांग रखी थी. उसे उम्मीद थी भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस-राकांपा उसे झटपट समर्थन दे देंगे. और वह जल्दी ही अपने मुख्यमंत्री को शपथ दिलवा सकेगी. लेकिन कांग्रेस-राकांपा में बनी अनिश्चय की स्थिति के कारण शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे को राजभवन तक जाकर भी खाली हाथ लौटना पड़ा. क्योंकि निर्धारित अवधि के भीतर वहां कांग्रेस-राकांपा के समर्थन का पत्र नहीं पहुंचा. उसके बाद से शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे कांग्रेस-राकांपा नेताओं से बैठक कर चुके हैं. शिवसेना के अन्य नेताओं की भी कांग्रेस-राकांपा के साथ बैठकें चल रही हैं. लेकिन किसी निष्कर्ष पर अभी तक नहीं पहुंचा जा सका है.
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