नौतपा : जानिए क्यों इतना तपते हैं 9 विशेष दिन

नौतपा : जानिए क्यों इतना तपते हैं 9 विशेष दिन
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कहा जाता है ज्योतिष के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा और देवता ब्रह्मा है और सूर्य ताप, तेज का प्रतीक है, जबकि चंद्र शीतलता का. ऐसे में चंद्र से धरती को शीतलता प्राप्त होती है लेकिन सूर्य जब चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो इससे वह उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में ले लेता है. इसी के साथ आप जानते ही होंगे कि जिस तरह कुंडली में सूर्य जिस ग्रह के साथ बैठ जाए वह ग्रह अस्त हो जाता है, उसी तरह चंद्र के नक्षत्र में सूर्य के आ जाने से चंद्र के प्रभाव क्षीण हो जाते हैं यानी पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती. इसी वजह से ताप अधिक हो जाता है.

आइए जानते हैं विज्ञान क्या कहता है. विज्ञान क्या कहता है : जी दरअसल नौतपा को केवल ज्योतिष में ही मान्यता प्राप्त नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक भी इस तथ्य से वाकिफ रखते हैं. इसमें वैज्ञानिक का मत है कि नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती है. इस कारण तापमान बढ़ता है और अधिक गर्मी के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है जो समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है. इस वजह से ठंडी हवाएं मैदानों की ओर बढ़ती है और समुद्र उच्च दबाव वाला क्षेत्र होता है इसलिए हवाओं का यह रूख अच्छी बारिश का संकेत देता है.

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