नौ ग्रह हमारी जिंदगी पर बहुत असर डालते हैं. अगर कुंडली में ग्रह दोष है, तो ज्योतिषाचार्य हमें ग्रहों से संबंधित मंत्र जप करने का कहते हैं. यहां प्रस्तुत है नवग्रहों के बीज मंत्र, तांत्रिक मंत्र, और जपसंख्या की जानकारी .
1 सूर्य/रवि : सूर्य तांत्रिक मंत्र- ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:. एकाक्षरी बीज मंत्र- ॐ घृणि: सूर्याय नम:, जप संख्या- 7000 .
2 चंद्र/ सोम : सूर्य तांत्रिक मंत्र- 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:', चंद्र एकाक्षरी मंत्र- ॐ सों सोमाय नम:,जप संख्या- 11000
3 मंगल/भौम : भौम मंत्र- 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:'.भौम एकाक्षरी मंत्र- ॐ ॐ अंगारकाय नम: ,जप संख्या- 1000
4 बुध : बुध मंत्र- 'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:', बुध का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ बुं बुधाय नम:जप संख्या- 9,000
5 गुरु/बृहस्पति : गुरु मंत्र- 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:',गुरु का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ ब्रं बृहस्पतये नम:',जप संख्या- 19,000
6 शुक्र : शुक्र मंत्र- 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:',शुक्र का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ शुं शुक्राय नम:',जप संख्या- 16,000
7 शनि :शनि मंत्र- 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:',शनि का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ शं शनैश्चराय नम:',जप संख्या- 23000
8 राहु : राहु मंत्र- 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रों स: राहवे नम:', राहु का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ रां राहुवे नम:' ,जप संख्या- 18,000
9 केतु : केतु का तांत्रिक मंत्र- 'ॐ स्रां स्रीं स्रों स: केतवे नम:', केतु का एकाक्षरी मंत्र- 'ॐ के केतवे नम:', जप संख्या- 17,000
नव ग्रहों के अनुसार उक्त जाप करने से न केवल ग्रहों की शांति होती है , बल्कि जपकर्ता को इसका लाभ भी होने लगता है.
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