नदियाँ महासागरों से जुड़ती हैं और जल/ वातावरण की सुरक्षा तथा स्वछता G-20 का एक मुख्या विषय है। सांस्कृतिक कौशलताएँ और विरासत की विशेषज्ञ, कथक नृत्यांगना, विद्वान, लेखिका और विरासत पर्यटन की सलाहकार डॉ. नवीना जफा ने 15 फरवरी को लखनऊ में जी-२० उच्च-स्तरीय समिति के सम्मान में विदाई रात्रिभोज में 'यमुना अष्टकम' एक लघु नृत्य नाटिका की प्रस्तुति की। नवीना जाफ़ा कहती हैं, "आदि शंकरायाचार्य की लिखी यमुनाष्टकम से प्रेरित होकर आज के विषयों जल, पर्यावरण और गरीबी को सामने लाई ।
भारत में हज़ारों की तादाद में प्रदर्शन कलाकार के समुदाय हैं और यह सब ही कौशल भारत के हिस्से हैं। मगर ,आज इनके पास ना तो कौशलताएँ तराशनेके तरीके हैं, और, ना ही मार्किट हैं। भारत अपनी प्रदर्शन कला कौशलता की विरासत खोताजा रहा है। मैंने इन मुद्दों को सोचते हुए इस संरचना में सड़क और लोक कलाकारों को शास्त्रीय कत्थक नृत्य के कलाकारों को जोड़ा ” नवीना जफ़ा की सोच और यमुना की भूमिका के नृत्य के साथ ,पंडित जयकिशन महाराज जोकि , महान पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज के पुत्र हैं ,इस आधे घंटे की अनहोनी नृत्य नाटिका का संगीत एवं नृत्य संरचना को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
जल और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदाकरने और इन विभिन्न परम्पराओं के प्रदर्शन कलाकारों को एक साथ देखकर कई दर्शकों का कहना था क़ि नवीना जफ़ा द्वारा की गयी इस प्रस्तुति को भारतके विभिन्न हिस्सों और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों में प्रस्तुत करना चाहिए।
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