अमृतसर: जुलाई का माह है और पंजाब में गर्मी जारी है. सूबे के कई गांवों में 10 से 12 घंटे तक बिजली जा रही है. आम आदमी बिजली की कटौती से बेहाल है, किन्तु पंजाब के बिजली मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपने कार्लयालय से गायब हैं. उनको बिजली विभाग दिए हुए एक महीना हो गया है, किन्तु सिद्धू ने अपने कार्यालय का रुख नहीं किया. सरकार ने उनके दफ्तर के बाहर उनके नाम की तख्ती तो अवश्य टांग दी दी है, लेकिन सिद्धू गायब है.
गर्मियों के मौसम में शिकायतों के कारण बिजवी विभाग के कार्यालय में गहमागहमी रहती है, किन्तु बिजली मंत्री का ऑफिस सुनसान पड़ा है. लोगों के लिए लगाई गई कुर्सियां खाली पड़ी हैं और मंत्री के कार्यालय का दरवाजा बंद है. सिद्धू की गैर हाजिरी से विपक्ष के हाथ बैठे बिठाए एक बड़ा मुद्दा लग गया है. पंजाब के विपक्षी दल अकाली दल-भाजपा और आप बिजली को लेकर धरने प्रदर्शन आरंभ कर रही हैं.
पंजाब से आप के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा है कि, 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. स्थानीय निकाय विभाग में नवजोत सिंह सिद्धू का शासन काल कैसा भी रहा हो, जब उनको जिम्मेदारी दे दी गई है तो उन्हें अपना कार्यभार संभालना चाहिए. पंजाब में बिजली की उपलब्धता के बाद भी काफी कटौती की जा रही है, जो सरासर गलत है. पंजाब में बिजली के दाम अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है.'
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