चंडीगढ़: पंजाब सरकार में अफसरशाही बनाम नेता का मुद्दा फिर से सामने आया है, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को लेकर कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग में चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार की बनाई गई कमेटी को नकारते हुए कहा, 'अगर सारा काम अफसरशाही द्वारा ही किया जाना है, तो हम यहां क्या झुनझुना बजाने आए हैं. सरकार में चुने हुए लोग ही ऊपर होते हैं न की अफसर, चुने हुए लोगों पर ही जनता को जवाब देने की जिम्मेदारी रहती है.' इसके बाद नाराज़ सिद्धू मीटिंग बीच में ही छोड़कर चले गए.
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वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने कैबिनेट सहयोगी का साथ देने के बजाय अपने चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमारका पक्ष ले रहे हैं. उन्होंने प्रेस बयान जारी करते हुए इन समारोहों की प्रगति का काम सुरेश कुमार के हवाले कर दिया है. गौरतलब है कि इससे पहले भी पार्टी के विधायक इस बात से मुख्यमंत्री से नाराजगी जताई थी और कहा था कि मुख्यमंत्री अफसरों को ज्यादा तवज्जो देते हैं.
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इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी के कई सीनियर नेता राज्य के पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ से भी मिल चुके हैं, उन्होंने पूर्व चीफ सेक्रेट्री के आर लखनपाल, पूर्व सेक्रेटरी वाईएस रतड़ा, पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी तेजिंदर कौर समेत कई रिटायर अफसरों को बोर्ड कारपोरेशन और अयोग में तैनात करने पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त की थी.
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