चंडीगढ़: पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कसौली में साहित्य उत्सव में बोलते हुए एक और विवादित बयान दिया, भारत और पाकिस्तान में पंजाब के बीच सांस्कृतिक समानता पर चर्चा करते हुए सिद्धू ने कहा कि संस्कृति दोनों जगहों पर समान है. सिद्धू ने कहा, "जब मैं तमिलनाडु जाता हूं, तो मुझे भाषा समझ में नहीं आती है, मुझे केवल एक या दो शब्द समझते हैं, ऐसा नहीं है कि मुझे वहां का खाना पसंद नहीं है, लेकिन मैं वहां जयादा नहीं रुक सकता, क्योंकि वहां की संस्कृति अलग है, जबकि अगर मैं लेकिन अगर मैं पाकिस्तान जाता हूं, तो वे पंजाबी और अंग्रेजी बोलते हैं और मैं उनसे अधिक संबंधित हो सकता हूं.
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शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सिद्धू को कैबिनेट मंत्री होने के नाते अपने शब्दों के प्रति सावधान रहना चाहिए. चीमा ने कहा, "दूसरों की प्रशंसा करने में कोई नुकसान नहीं है, लेकिन किसी को अपने देश को नीचे नहीं दिखाना चाहिए. अपनी रक्षा में सिद्धू ने कहा कि उनके जवाब पर अनावश्यक विवाद पैदा कर दिया गया है, जबकि उन्होंने लुक भी आपत्तिजनक नहीं कहा है.
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गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री सिद्धू हाल ही में पाकिस्तान की यात्रा करने और वहां के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को गले लगाने के लिए सुर्ख़ियों में आ गए थे. यात्रा से लौटने के बाद उन्होंने कहा था कि उनकी यात्रा बहुत सौहार्दपूर्ण रही, साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ बाजवा ने कहा है कि वे सिख गुरु नानक देव जी की जयंती पर श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोलने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं पाकिस्तान प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उन्होंने करतारपुर साहिब को लेकर कोई बयान नहीं दिया है.
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