अमृतसर: पंजाब पुलिस ने बुधवार (5 जनवरी) को एक बड़ी चूक करते हुए सियासी प्रदर्शनकारियों को पीएम नरेंद्र मोदी के काफिले को रोकने की अप्रत्यक्ष इजाजत दे दी थी। हुसैनीवाला से लगभग 30 किमी दूर एक फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी का काफिला 20 मिनट तक रोक कर रखा। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि प्रधानमंत्री का काफिला पंजाब में DGP से आवश्यक पुष्टि के बाद ही रवाना हुआ था और यह घटना पंजाब पुलिस की एक बड़ी चूक का परिणाम थी।
इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक करार देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि PM मोदी की यात्रा योजना के संबंध में राज्य की चन्नी सरकार को बहुत पहले ही जानकारी दे दी गई थी। राज्य सरकार को सुरक्षा, लॉजिस्टिक के लिए जरूरी व्यवस्था करने और अप्रत्याशित मुद्दों के मामले में एक आकस्मिक योजना तैयार करने के लिए कहा गया था। वर्तमान में, पंजाब में पुलिस के DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय हैं, जो 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अफसर हैं, जिनकी नियुक्ति को वर्तमान पंजाब कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने आगे बढ़ाया था।
गत वर्ष 17 दिसंबर को, इकबाल प्रीत सिंह सहोता के स्थान पर चट्टोपाध्याय को कार्यवाहक DGP (पंजाब) नियुक्त किया गया था। सिद्धू ने उनकी नियुक्ति का समर्थन किया था। हालाँकि, राज्य के CM चरणजीत सिंह चन्नी और डिप्टी CM सुखजिंदर रंधावा ने सहोता का समर्थन किया, किन्तु सिद्धू ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पंजाब में कांग्रेस पर दबाव बनाया। बाद में उन्होंने इस शर्त के तहत अपना इस्तीफा वापस ले लिया कि कार्यवाहक DGP की नियुक्ति के लिए एक पैनल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से आया था। बता दें कि चट्टोपाध्याय, जो मार्च 2022 में रिटायर होने वाले हैं, UPSC द्वारा शॉर्ट-लिस्ट किए गए 3 IPS अफसरों के पैनल से एक नियमित DGP की नियुक्ति तक कार्यवाहक DGP की जिम्मेदारी संभालेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह के CM पद छोड़ने के बाद से सिद्धू, चट्टोपाध्याय के नाम पर जोर दे रहे थे। सिद्धू की दबाव की रणनीति के आगे कांग्रेस सरकार झुक गई और चट्टोपाध्याय DGP बन गए।
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