नई दिल्ली: क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने नवजोतसिंह सिद्धू द्वारा बनाई गई नई पार्टी ने दिग्गज राजनीतिक दलों में खलबली उत्पन्न कर दी है। इन दलों के नेताओं के माथे पर जहां चिंता की लकीर उभर आई है वहीं पंजाब विधानसभा चुनाव के लिये अब नये सिरे से रणनीति भी बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
बीते दिनों ही सिद्धू ने अपनी नई पार्टी आवाज-ए-पंजाब बनाते हुये पंजाब विधानसभा चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि इसके पहले सिद्धू भाजपा के साथ थे, लेकिन उन्होंने पार्टी के साथ ही राज्यसभा से भी त्याग पत्र दे दिया था। उन्होंने अपना नया दल बनाकर पंजाब की राजनीति में हलचल मचा दी है, जबकि कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी में खलबली उत्पन्न हो गई है। पंजाब के चुनावी मैदान में प्रमुखतः बीजेपी और उसके गठबंधन के साथ ही कांग्रेस व आप के बीच मुकाबला माना जा रहा था, परंतु बीच में सिद्धू ने कूदकर इनके गणित बिगाड़ दिये है।
आप से नहीं बनी तो बना ली-
गौरतलब है कि सिद्धू ने बीजेपी से रिश्ता तोड़ने के बाद आम आदमी पार्टी में शामिल होना चाहा था। उन्होंने पंजाब में अपनेको सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करने की शर्त रखी थी, लेकिन जब यह शर्त नहीं मानी गई तो उन्होंने अपनी खूद की पार्टी बनाने का निर्णय ले लिया। बताया गया है कि सिद्धू उन नेताओं को भी साथ मिला रहे है, जो अपनी पार्टियों से असंतुष्ट है। इसके अलावा उनके द्वारा आम आदमी पार्टी से निष्कासित सुच्चा सिंह को भी साथ में लेने की बात सामने आई है। सिद्धू ने अपने साथ पूर्व हाॅकी खिलाड़ी परगट सिंह को भी जोड़ लिया है, वे फिलहाल अकाली दल से विधायक है। हालांकि परगट सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाये जाने पर निलंबित कर दिया गया था।