नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने बीते बुधवार को यह आरोप लगाया है कि 'नये कृषि कानून बनाकर केन्द्र सरकार संघवाद को कमजोर कर रही है और पंजाब के निर्वाचित विधायकों की आवाज को दबा रही है।' जी दरअसल उन्होंने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस विधायकों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में जंतर-मंतर पर कृषि कानूनों के खिलाफ आयोजित धरना में कहा कि, 'राज्य के लोग अपने ‘‘गौरव और पगड़ी'' पर वार बर्दाश्त नहीं करेंगे।'
वहीं आगे उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग एक देश, एक बाजार की बातें कर रहे हैं, वे लोग पंजाब और उसके मुख्यमंत्री की आवाज दबाना चाहते हैं। हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसमें न्याय क्या है? आप निर्वाचित विधायकों की आवाज को दबाना चाहते हैं।'' इसी के साथ वह यह भी बोलते नजर आए कि, 'केन्द्रीय कृषि कानून ‘‘संघीय ढांचे पर हमला हैं'' और भारत के संविधान के विरूद्ध हैं।'
इसी के साथ उन्होंने केन्द्रीय कानून को काला कानून बताया और दावा किया कि, 'इनका लक्ष्य कॉरपोरेट्स की मदद करना है, किसानों की नहीं।' आगे उन्होंने यह तक कह दिया कि, ‘‘हम अंबानी अडानी को पंजाब में पैर नहीं रखने देंगे। और किसी को किसानों का अधिकारी नहीं छीनने देंगे।'' वैसे हम आपको यह भी बता दें कि संसद ने किसानों के लिए 3 नए कानून बनाए हैं लेकिन किसान यह कानून मानने को तैयार नहीं है और वह कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे हैं।
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