कहते हैं कि हिंदू धर्म में अग्नि को देव माना गया है और यह सृष्टि के पंचमहाभूतों में से एक है. कहा जाता है कि यज्ञ, हवन से लेकर चिता की अग्नि तक को अत्यंत पवित्र में गिना जाता है और चारों वेदों में से सबसे प्रथम वेद ऋग्वेद का पहला सूक्त ही अग्निदेव की आराधना से प्रारंभ होता है बस यही वजह है कि देवी-देवताओं का आह्वान यज्ञों के माध्यम से किया जाता है. ऐसे में कहते हैं कि देवी दुर्गा की आराधना भी अग्नि के बिना अधूरी है और उनकी पूजा में भी अग्नि की जरूरत होती है. ऐसे में नवरात्रि में देवी से विभिन्न प्रकार की शक्तियां प्राप्त करने के लिए यज्ञ, हवन इत्यादि कर्म किए जाते हैं और कहा जाता है जो लोग यज्ञ, हवन आदि नहीं कर सकते वे नौ दिनों तक देवी के लिए अखंड ज्योत जलाते हैं. यह अखंड ज्योत विभिन्न प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अलग-अलग पदार्थों से जलाते हैं तो आइए जानते हैं किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए किस पदार्थ से ज्योत लगाना चाहिए...
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