29 सितंबर यानी रविवार से नवरात्र शुरू हो रहे हैं और ऐसे में यह नौ दिन तक रहने वाले हैं और अब नौ दिनों तक माँ दुर्गा का पूजन होना अनिवार्य है और नौ दिनों तक माँ के अलग अलग रूपों का पूजन किया जाएगा. ऐसे में मां दुर्गा के आगमन के लिए हर कोई जोरों-शोरों से तैयारिया कर रहा है और सभी के घरों में पूजन का आरम्भ होना शुरू हो गया है. ऐसे में पूजा के बाद अगर मां दुर्गा की आरती न हो तो माँ रुष्ट हो जाती है और इसी कारण से उनकी एक नहीं दो नहीं कई आरतियां की जाती है ताकि वह खुश रहे और अच्छा आशीर्वाद दें. ऐसे में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं माँ दुर्गा की एक और आरती. आइए जानते हैं.
माँ दुर्गा की आरती -
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती.
तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी.
दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी..
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती.
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती..
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता.
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता..
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती.
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती..
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना.
हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना..
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती.
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती..
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली.
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली..
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती.
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती..
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