इस बार शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर, रविवार से शुरू हो रहे हैं. ऐसे में यह दिन प्रतिपदा तिथि पर नवरात्रि का पहला दिन होगा और पहले दिन कलश स्थापना और देवी के नौ रूपों में पहले रूप मां शैलपुत्री की उपासना होगी. ऐसे में इस शारदीय नवरात्रि में पूरे 9 दिनों में 9 शुभ संयोग बनने वाले हैं और ये शुभ संयोग भक्तों को बहुत शुभ फलदायी रहेंगे. आइए जानते हैं इनके बारे में.
पहला संयोग- कलश स्थापना का शुभ संयोग - 29 सितंबर को सुबह कलश स्थापना के साथ ही शारदीय नवरात्रि शुरू होंगे और इस बार कलश स्थापना के दिन सर्वाथ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और द्विपुष्कर नामक शुभ योग बनेगा. आपको बता दें कि यह तीनों योग ज्योतिष में बहुत ही शुभ फलदायी है.
दूसरा संयोग- तिथियों में क्षय नहीं - कई बार तिथियों के कम होने के कारण नवरात्रि के दिन कम हो जाते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने वाला है क्योंकि इस बार पूरे नौ दिनों तक नवरात्रि मनाई जाएगी.
तीसरा संयोग- नवरात्रि का पहला दिन और शुक्र ग्रह का उदय - जी दरअसल शारदीय नवरात्रि के पहले ही दिन सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य प्रदान करने वाले ग्रह शुक्र ग्रह का उदय होगा.
चौथा संयोग-नवरात्रि में वार का संयोग - शारदीय नवरात्रि में दो सोमवार और दो रविवार पड़ेंगे और नवरात्रि की शुरुआत रविवार को और अष्टमी रविवार के दिन होगी, वहीं दो सोमवार को ब्रह्राचारिणी और सिद्धियात्री माता की पूजा होगी.
पांचवा संयोग-हस्त नक्षत्र का संयोग - आपको बता दें कि जिस दिन नवरात्रि का पहला दिन रहेगा जिसमें कलश स्थापना होगी उस दिन नक्षत्र रहेगा और हस्त नक्षत्र में पूजा करना या किसी नए काम की शुरुआत करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है.
छठा संयोग- नवरात्रि में दो अमृत सिद्धि योग - इस बार शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन और चौथे दिन अमृत सिद्धि योग रहेगा और वहीं ज्योतिष में अमृत सिद्धि को बहुत ही शुभ कहते हैं.
सातवां संयोग-तीन दिन में रवि योग - इस बार नवरात्रि में तीन दिन रवि योग रहेगा जिनमे 1,4 और 5 अक्टूबर को रवि योग है.
आठवां संयोग- चार सर्वार्थ सिद्धि योग - इस शारदीय नवरात्रि चार सर्वार्थ सिद्धि योग बनेंगे और 29 सितंबर, 2, 6 और 7 अक्टूबर को यह शुभ योग बन रहा है.
नौवां संयोग- दशहरे पर रवि योग - 9वां शुभ योग दशहरे के दिन बन रहा है, जिसमें रवि योग के शुभ योग में दशहरा मनाएंगे.
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