नवरात्रि के पर्व के दौरान माता के नौ रूपों का पूजन किया जाता है। ऐसे में आज हम आपको माता के शक्तिपीठ के बारे में बताने जा रहे हैं। माता रानी के 52 शक्तिपीठ है और इन शक्तिपीठों में शामिल है सर्वशैल रामहेंद्री शक्तिपीठ। आप सभी को बता दें कि आंध्र प्रदेश में माता रानी के दो शक्तिपीठ है। जी हाँ और उन्ही में से एक शक्तिपीठ का नाम सर्वशैल रामहेंद्री शक्तिपीठ है। सर्वशैल रामहेंद्री शक्तिपीठ पर माता का कौन सा अंग गिरा था अगर इसकी बात करें तो यहाँ माता के गाल गिरे थे। जी हाँ और इस स्थान पर भक्त माता के राकिनी और विश्वेश्वरी स्वरूप की पूजा करते हैं।
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इसके अलावा एक अन्य शक्तिपीठ जो आंध्र प्रदेश में स्थित है वहां का नाम श्रीशैलम शक्तिपीठ है। कहा जाता है यह दूसरी शक्तिपीठ कुर्नूर जिले में है। जी हाँ और ऐसी मान्यता है कि श्रीशैलम शक्तिपीठ में माता सती के दाएं पैर की पायल गिरी थी। इसी के साथ ऐसा कहा जाता है यहां माता श्री सुंदरी के नास में स्थापित हैं। नवरात्रि के दौरान माता रानी के इन शक्तिपीठ में भयंकर भीड़ नजर आती है। यहाँ भारी संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुँचते हैं और माता रानी को अपनी श्रद्धा भक्ति के अनुसार भोग लगाते हैं।
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इस समय शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा है और यह पर्व 9 दिनों तक मनाया जाने वाला पर्व है। इस पर्व में माता रानी के नौ रूपों का पूजन किया जाता है। नवरात्रि पर्व के दौरान महिलाओं को सजने-संवरने के लिए कहा जाता है और इस दौरान किसी भी नारी का अपमान नहीं करना चाहिए।
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