अष्टमी के दिन करें देवी दुर्गा के सरल बीज मंत्र का जाप, चढ़ाये यह भोग

अष्टमी के दिन करें देवी दुर्गा के सरल बीज मंत्र का जाप, चढ़ाये यह भोग
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आप सभी को बता दें कि नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा-आराधना का विधान है और नवदुर्गा के इन बीज मंत्रों की प्रतिदिन की देवी के दिनों के अनुसार मंत्र जप करने से मनोरथ सिद्धि होती है. ऐसे में अगर आप पूरे नौ दिन इन मन्त्रों का ना पढ़ पाए हो तो आप इसे अष्टमी या नवमी को पढ़कर भी लाभ ले सकते हैं. जी हाँ, कहा जाता है अष्टमी और नवमी को भी बीज मन्त्रों का जाप कर सब कुछ हांसिल किया जा सकता है. तो आइए आज जानते हैं नौ देवियों के दैनिक पूजा के बीज मंत्र -

देवी दुर्गा के सरल बीज मंत्र

1. शैलपुत्री- ह्रीं शिवायै नम:.

2. ब्रह्मचारिणी- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:.

3. चन्द्रघण्टा- ऐं श्रीं शक्तयै नम:.

4. कूष्मांडा- ऐं ह्री देव्यै नम:.

5. स्कंदमाता- ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:.

6. कात्यायनी- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:.

7. कालरात्रि- क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:.

8. महागौरी- श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:.

9. सिद्धिदात्री- ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:.


जानिए माँ के भोग - आप सभी जानते ही हैं माँ के नौ दिनों में से कुछ दिन निकल चुके हैं ऐसे में तीन दिन शेष हैं तो आइए जानते हैं उन दिनों के भोग.


* कहा जाता है सातवें नवरात्रि पर मां को गुड़ का नैवेद्य चढ़ाने व उसे ब्राह्मण को दान करने से शोक से मुक्ति मिलती है एवं आकस्मिक आने वाले संकटों से रक्षा भी होती है.

* ऐसा अभी कहते हैं नवरात्रि के आठवें दिन माता रानी को नारियल का भोग लगाएं व नारियल का दान कर दें क्योंकि इससे संतान संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिलता है.

* कहते हैं नवरात्रि की नवमी के दिन तिल का भोग लगाकर ब्राह्मण को दान देंने से मृत्यु भय से राहत मिल जाती है और इसी के साथ ही अनहोनी होने की घटनाओं से बचाव भी होगा. 

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