हर साल आने वाली नवरात्री का पर्व आज से शुरू हो गया है. जी हाँ, आप सभी जानते ही होंगे कि आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. ऐसे में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है. आप सभी को बता दें कि हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण देवी का नाम शैलपुत्री पड़ा.
पौराणिक कथा- दक्षप्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया. उसमें समस्त देवताओं को आमंत्रित किया किंतु भगवान शिव को नहीं बुलाया. सती यज्ञ में जाने के लिए आतुर हो उठीं. भगवान शिव ने बिना निमंत्रण यज्ञ में जाने से मना किया लेकिन सती के आग्रह पर उन्होंने जाने की अनुमति दे दी. वहां जाने पर सती का अपमान हुआ. इससे दुखी होकर सती ने स्वयं को यज्ञाग्नि में भस्म कर लिया. तब भगवान शिव ने क्रोधित होकर यज्ञ को तहस नहस कर दिया. वही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मीं शैलपुत्री कहलाईं.
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