18 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही हैं जो की 26 मार्च तक चलेगी. नवरात्रि के नौ दिन माँ दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों को पूजा जाता हैं. नौ दिनों तक घर में श्रद्धालु पूरे विधि-विधान के साथ देवी माँ की घटस्थापना करते हैं और उनका पूजन करते हैं. नौ देवियों का अलग-अलग महत्व होता है और इन सभी नौ देवियों की आराधना करने के अलग-अलग मंत्र भी है. आइये आपको बताते है नौ दिनों के मंत्रो के बारे में-
1. शैलपुत्री
इनका मंत्र है: वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
2. ब्रह्मचारिणी
इनका मंत्र है: दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
3. चंद्रघंटा
इनका मंत्र है: पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
4. कूष्माण्डा
इनका मंत्र है: सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे॥
5. स्कंदमाता
इनका मंत्र है: सिंहसनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥
6. कात्यायनी
इनका मंत्र है: चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥
7. कालरात्रि
इनका मंत्र है: एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥
8. महागौरी
इनका मंत्र है: श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
9. सिद्धिदात्री
इनका मंत्र है: सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयाात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
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