शारदीय नवरात्रि का आज दूसरा दिन है। जी हाँ और नवरात्रि के दूसरे दिन देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। आप सभी को बता दें कि मां ब्रह्मचारिण को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी कहा जाता है। जी हाँ और इनकी साधना और उपासना से जीवन की हर समस्या, हर संकट दूर हो सकता है। इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि विद्यार्थियों के लिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है। अगर किसी की कुंडली में चंद्रमा के कमजोर होने से दिक्कत आ रही है तो ब्रह्मचारिणी की पूजा से उसे भी दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि में दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना कैसे करें।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि - जी दरअसल नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा पीले या सफेद वस्त्र धारण करके करनी चाहिए चाहिए। इसके अलावा इस दिन देवी को सफेद वस्तुएं अर्पित करने से भाग्य चमक सकता है। आप ब्रह्मचारिणी माँ को मिसरी, शक्कर या पंचामृत का भोग लगा सकते हैं। इसके अलावा पूजा के समय ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र जपा जा सकता है। मां ब्रह्मचारिणी के लिए "ॐ ऐं नमः" का जाप करें। जलीय आहार और फलाहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
ब्रह्मचारिणी की पूजा से होंगे ये लाभ- मां का ब्रह्मचारिणी रूप बेहद शांत, सौम्य और मोहक है। ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप को पूजने से व्यक्ति को तप, त्याग, वैराग्य और सदाचार जैसे गुणों की प्राप्ति होती है। जी दरअसल मां के इस स्वरूप को पूजने से साधक होने का फल मिलता है। इसके अलावा मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है और वो हमेशा सही मार्ग पर चलता है। इनकी पूजा करने से जीवन में चल रही तमाम दिक्कतें दूर हो जाती हैं।
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