हिंदू धर्म में नवरात्र या नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है. पूरे 9 दिनों तक हिंदू धर्म देवी की आराधना में डूबा हुआ रहता है. इस दौरान कई भक्त लगातार 9 दिनों का व्रत रखते हैं और वे इस दौरान कई संकल्प भी लेते हैं. हालांकि प्रश्न यह उठता है कि नवरात्रि का व्रत रखा क्यों जाता है और इसका महत्व क्या है ?
नवरात्र का व्रत क्यों ?
नवरात्र का व्रत रखना प्राचीन परंपरा है. साथ ही इस दौरान देवी की पूजा-अर्चना भी की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि यह व्रत आत्मिक शुद्धि के लिए रखा जाता है. साथ ही तन-मन में भी शुद्धता बनी रहती है. जब हम नवरात्रि का लगातार 9 दिनों का व्रत रखते हैं, तो हमारा सामना कई सकारात्मक बदलावों से होता है.
नवरात्रि के व्रत का महत्व...
नवरात्रि का व्रत क्यों रखा जाता है ? इस सवाल के जवाब से आप कुछ-कुछ इसके महत्व को भी जान चुके होंगे हलांकि विस्तार से इसके बारे में जानना भी जरूरी है. जब कोई भी व्यक्ति लगातार 9 दिनों तक व्रत रखता है, तो उसे अन्य लोगों की तुलना में बहुत अधिक शांति और सकारात्मकता का अनुभव होता है. क्योंकि हर दिन की जिंदगी के साथ जब हम इस ओर बढ़ते हैं, तो हम पहले से कुछ अलग और विशेष बन जाते हैं. शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि उपवास या व्रत हमारे शारीरिक संतुलन को बनाए रखता है. व्रत रखने से हम कई तरह की बीमारी से तो बचते ही है, साथ ही देवी माँ की कृपा भी हम पर बनी रहती है. सच्चे दिल और नियमों में रहकर यदि यह व्रत रखा जाए तो इसे हमें मानवाबचीत फल की प्राप्ति भी होती है. ध्यान रहे चाहे कुछ भी हो जाए हमे हमारे व्रत के संकल्प से कभी भी डिगना नहीं है. किसी भी रूप में हमें हमारा व्रत खंडित नहीं होने देना है, अन्यथा हमें इसके बुरे परिणाम भी भुगतने सकते हैं.
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