नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्म दिवस 17 सितंबर के मौके पर विश्व के संभवतः दूसरे सबसे बड़े बांध सरदार सरोवर का शुभारंभ करेंगे। इसके लिए तैयारियाॅं चल रही हैं। मगर इस बांध के उद्घाटन समारोह को लेकर विरोध भी तेज हो गया है। मध्यप्रदेश में इस बांध के लोकार्पण को लेकर विरोध किया जा रहा है। गौरतलब है कि यह नर्मदा नदी पर बना 800 मीटर ऊँचा बाँध है। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं हैं और इन दोनों ही परियोजनाओं का लगातार विरोध होता रहा है।
इन परियोजनाओं का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाकों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के नेतृत्व में नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है। इनका कहना है कि बांध की ऊॅंचाई बढ़ाने से और इसे लोकार्पित करने के बाद इसे प्रारंभ करने पर बड़े पैमाने पर कई क्षेत्र डूब की जद में आ जाऐंगे।
जो ग्रामीण यहाॅं रहते हैं उन्हें पुनर्वास के लिए पर्याप्त सुविधाऐं नहीं मिली हैं, ऐसे में इन लोगों को विस्थापित किया जाना सही नहीं है। विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी सिर मुंडवाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने सरकार को शव की संज्ञा देते हुए कहा है कि सरकार इस मामले में कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं है। सरकार शव की तरह है। हम तो अपने अधिकार और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।
शिंजो आबे ने कहा, भारत को हर मदद देंगे
बुलेट रेल प्रोजेक्ट के शिलान्यास के बाद, मोदी - आबे पहुॅंचे दांडी कुटीर