अडानी मुद्दे पर भी अलग-थलग पड़ी कांग्रेस, राहुल गांधी के बयानों से शरद पवार भी सहमत नहीं !

अडानी मुद्दे पर भी अलग-थलग पड़ी कांग्रेस, राहुल गांधी के बयानों से शरद पवार भी सहमत नहीं !
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मुंबई: महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने अडानी मामले पर विपक्ष के नेताओं से हटकर राय दी है। शरद पवार ने शुक्रवार (7 अप्रैल) को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि उनका मानना है कि अडानी समूह को अज्ञात संस्थाओं द्वारा “निशाना” बनाया जा रहा है। यही नहीं, शरद पवार ने अडानी को टारगेट कर रही इन संस्थानों के इरादों पर भी सवाल उठाए। 

 

कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने ठप की संसद:-

इंटरव्यू के दौरान शरद पवार ने अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) की JPC जांच की कांग्रेस की मांग से अपने आप को अलग करते हुए कहा कि वह इस मामले पर कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्ष द्वारा संसद को ठप करने से सहमत नहीं हैं। NCP प्रमुख ने कहा कि इस बार मुद्दे को आवश्यकता से अधिक अहमियत दी गई। जो मुद्दे उठाए गए, किसने उठाए, बयान देने वाले इन लोगों (हिंडनबर्ग) के संबंध में हमने कभी नहीं सुना, उनकी पृष्ठभूमि क्या है? जब वे ऐसे मुद्दे उठाते हैं जो पूरे देश में बवाल मचा देते हैं, तो इसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है। हम इन बातों को अनदेखा नहीं कर सकते। ऐसा लगता है कि यह (अडानी पर हमला) टारगेटड था।

 

अडानी मामले में JPC की जरूरत नहीं:-

शरद पवार ने आगे कहा कि अडानी मामले की जांच के लिए एक मांग की गई और सर्वोच्च न्यायालय ने पहल की और एक समिति नियुक्त की, जिसमे शीर्ष अदालत के रिटायर्ड जज, विशेषज्ञों, एडमिनिस्ट्रेटर और अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की समिति को दिशा-निर्देश दिए गए हैं, एक समय सीमा दी गई है और जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मसले में संसदीय कमेटी (JPC) की जांच चाहता था और संसद में भाजपा के पास बहुमत है। उन्होंने कहा कि यह डिमांड सत्ताधारी पार्टी के विरुद्ध थी। सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ जांच करने वाली समिति में सत्ता पक्ष के बहुमत वाले मेंबर होंगे। सच कैसे सामने आएगा, आशंका हो सकती है। लेकिन, यदि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की जांच करे, जहां कोई प्रभाव नहीं है, तो सच्चाई सामने आने की बेहतर संभावना है।

 

सावरकर पर भी अलग-थलग पड़ी कांग्रेस:-

बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी प्रेस वार्ताओं में वीर सावरकर को लेकर बयानबाज़ी कर रहे थे। लेकिन, कांग्रेस के सहयोगी दल शिवसेना (उद्धव) ने ही इस मामले पर उसे झटका दे दिया। उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने कहा था कि, वीर सावरकर हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत हैं, उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, शरद पवार ने कहा था कि, देश के लिए सावरकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता, उनपर ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। साथ ही शरद पवार ने राहुल को भी सावरकर पर अनाप-शनाप बोलने के लिए मना किया था। वहीं, अडानी मामले पर खुद कर्नाटक कांग्रेस के नेता कह चुके हैं कि, राहुल जिस तरह से बार-बार अडानी का मुद्दा उठा रहे हैं, उससे कर्नाटक चुनाव में मुकाबला मोदी बनाम राहुल गांधी हो जाएगा और इससे कांग्रेस को नुकसान होगा। कर्नाटक कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि, राहुल गांधी को अडानी मामले में अधीन न बोलने के लिए कहा था। यानी अब कांग्रेस नेता और पार्टी के सहयोगी ही राहुल गांधी को कुछ मामलों में चुप्पी साधने को कह रहे हैं। ऐसे में विरोधी पक्ष के लोग ये कहकर चुटकी ले रहे हैं कि, क्या अब राहुल गांधी ये आरोप लगाएंगे कि, कांग्रेस में भी उन्हें बोलने नहीं दिया जाता, जैसे वे संसद पर लगा चुके हैं।   

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