मुंबई: महाराष्ट्र में बीते 10 दिनों से राष्ट्रपति शासन लागू था. शनिवार तड़के अचानक से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया और सुबह 8 बजे के लगभग देवेंद्र फडनवीस ने गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के सामने सीएम पद की शपथ ग्रहण कर ली. वहीं एनसीपी के बाग़ी नेता और एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली.
अब सवाल उठता है कि गवर्नर के समक्ष सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायकों के समर्थन वाला पत्र कैसे पेश किया गया? एनसीपी नेता नवाब मलिक के अनुसार, पार्टी के विधायकों को गलत जानकारी दी गई और उनकी चिट्ठी का दुरूपयोग किया गया. दरअसल विधायकों की मौजूदगी के लिए अटेंडेंस रजिस्टर में जो दस्तखत करवाए गए थे, वही राज्यपाल के सामने रखा गया और उसी आधार पर सरकार के गठन का दावा पेश किया गया है.
हलांकि इस सम्बन्ध में विस्तृत रूप से बात करने के लिए शरद पवार मीडिया से मुखातिब होंगे. उन्होंने कहा कि वो दोपहर 12 बजे के लगभग उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर प्रेस वार्ता करेंगे. सूत्रों के अनुसार, कहा जा रहा है कि भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के फैसले के बाद एनसीपी में दरार पड़ सकती है. संभवत: पार्टी के 22 MLA एनसीपी से किनारा कर सकते हैं. वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि अजित पवार ने शरद पवार की सहमति के बाद ही मिलकर सरकार बनाने का निर्णय लिया है.
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