नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में बीते तीन दिनों में कई घटनाक्रम देखने को मिले हैं। विशेष तौर से एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने सभी को हैरान कर दिया है। उन्हें एनसीपी विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया था, किन्तु पार्टी से बगावत कर वो भाजपा के साथ चले गए और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ भी ग्रहण कर ली।
शनिवार सुबह जब उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ग्रहण की, तो उनके साथ एनसीपी के कुछ MLA थे, किन्तु बाद में ये विधायक शरद पवार के पास पहुंच गए। इन्होंने अजित पवार पर धोखे से बुलाने के इल्जाम भी लगाए। अजित के साथ शपथ ग्रहण समारोह में शामिल रहे दो विधायक, जो गुरुग्राम के एक होटल से शरद पवार के पास वापस आए हैं, उन्होंने बताया है कि किस तरह शाम को एनसीपी, कांग्रेस, शिवसेना की मीटिंग में बैठे अजित सुबह भाजपा के साथ चले गए और उन्हें क्या बताया गया।
एनसीपी के MLA अनिल पाटिल और दौलत दारौदा उस समय राजभवन में मौजूद थे, जब फडणवीस और अजित पवार ने शपथ ली। एक वेबसाइट से वार्ता में अनिल पाटिल ने बताया कि, अजित दादा ने शुक्रवार रात को फोन करते हुए कहा है कि सुबह सात बजे मुझसे मिलिए। वो हमारे पार्टी लीडर थे तो मैं उनके आदेश को मानते हुए उनके आवास पर पहुंच गया। उन्होंने मुझे गाड़ी में बैठाया और राजभवन ले गए। अभी तक मुझे पता नहीं था कि क्या होगा, 15 मिनट में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम संपन्न हो गया। मुझे कुछ समझ में नहीं आया।
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