नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के जहाँगीरपुरी में भड़की हिंसा में बच्चों के शामिल होने के बाद इस मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने संज्ञान लिया है। NCPCR ने इस संबंध में DCP को नोटिस जारी करते हुए जाँच के निर्देश दिए हैं और संबंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा है। आयोग ने 7 दिन के अंदर इस मामले में रिपोर्ट माँगी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, NCPCR अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने बताया है कि उन्हें लीगल राइट्स ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में कहा गया कि हिंसक गतिविधि में बच्चों को शामिल किया गया और उनसे शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी करवाई गई। शिकायत मिलने के बाद आयोग ने इस सबंध में DCP को नोटिस जारी किया है और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधानों के अंतर्गत मामले की तफ्तीश के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी अवैध गतिविधि में बच्चे का उपयोग एक दंडात्मक, गैरजमानती अपराध है। उन्होंने इस संबंध में पुलिस को जांच करने को कहा है और बताया है कि एक बार स्थिति कंट्रोल होगी तो वह खुद भी मौके का जायजा करने जाएँगे।
बता दें कि NCPCR को Twitter पर लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी से इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। इसके अलावा विभिन्न समाचार रिपोर्टों के जरिए भी पता चला था कि हिंसा में कई नाबालिग बच्चों को पथराव के लिए इस्तेमाल किया गया। आयोग ने एक बयान में कहा कि, 'शिकायतों के जरिए, यह भी आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि मदरसों को चलाने वाले मौलवियों ने उक्त अवसर पर पथराव के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया।'
राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप में तमिलनाडु और हरियाणा के बीच हुआ कड़ा मुकाबला
खरगोन में हिंसा के बाद लापता हुआ शख्स का शव इंदौर के अस्पताल में मिला