कानपुर: कुछ समय पहले ही उन्नाव कांड में मुख्य आरोपित विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ सीबीआइ ने हत्या के आरोप में आरोपपत्र दायर कर दिया है. जंहा पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में तीस हजारी अदालत पीड़ित पक्ष के वकील की दलीलों पर सेंगर के खिलाफ हत्या का आरोप तय कर चुकी है, लेकिन सीबीआइ ने पूर्व में दायर आरोपपत्र में सेंगर को हत्या का आरोपित नहीं माना था.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हम आपको बता दें कि पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत और उन पर झूठा केस दर्ज करने के मामले में सीबीआइ ने आरोपपत्र दायर किया था. इन आरोपपत्रों में सेंगर को आरोपित नहीं बनाया गया था. जब तीस हजारी अदालत में इन मामलों की सुनवाई शुरू हुई तो पीड़ित पक्ष के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने दलील दी.
पीड़ित पक्ष के वकील ने दी थी दमदार दलील: वहीं यदि हम बात करें सूत्रों कि तो धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता पर झूठा केस कुलदीप सेंगर के कहने पर दर्ज हुआ. पीड़िता के पिता को हिरासत में पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई. यह पूरा प्रकरण सेंगर के कहने पर हुआ तो वह आरोपित कैसे नहीं है? इन दलीलों को मानते हुए अदालत ने दोनों मामलों को जोड़कर एक कर दिया और हत्या के आरोप में कुलदीप सेंगर सहित 10 आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिए. सूत्रों के मुताबिक इसके बाद सीबीआइ को आभास हुआ कि जब सेंगर के खिलाफ अदालत ने खुद ही हत्या के आरोप तय कर दिए हैं तो आरोपपत्र दायर बेहतर रहेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्नाव कांड से जुड़े दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या सहित सभी मामलों की सुनवाई तीस हजारी में सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा की अदालत में चल रही है.
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