ठंड में होने वाले ट्रेन हादसे को रोकना होगा आसान, जल्द शुरू होगा हैंड हेल्ड उपकरण का इस्तेमाल

ठंड में होने वाले ट्रेन हादसे को रोकना होगा आसान, जल्द शुरू होगा हैंड हेल्ड उपकरण का इस्तेमाल
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नई दिल्ली: इस बात का हम सभी पता है कि सर्दी के दिनों में रेल प्रशासन के सामने सुरक्षित रेल परिचालन बड़ी चुनौती होती है. कोहरे की वजह से दृश्यता कम होने के साथ ही इस मौसम में पटरियों के चटकने की घटनाएं भी बढ़ रही है. वही इन वजहों से रेल परिचालन बाधित होने के साथ ही दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है. इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे ट्रैक की निगरानी बढ़ाई जा रही है. इसके साथ ही गश्त करने वाले कर्मचारियों को आधुनिक उपकरण से लैस किया जाने वाला है. अब वह जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) आधारित हैंड हेल्ड उपकरण लेकर चलेंगे. इस उपकरण के जरिये वह दो रेल स्टेशनों के संपर्क में रहेंगे. इससे किसी भी आपात स्थिति की सूचना वह बिना समय बर्बाद किए संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा पाएंगे.

मिली जानकारी के अनुसार जंहा रेलवे अधिकारियों का कहना है कि उत्तर भारत में सर्दी ज्यादा पड़ती है, जिससे विशेष सतर्कता बरतनी पड़ती है. पटरियों के आंतरिक नुकसान का पता लगाने के लिए अल्ट्रासोनिक फ्लोड टेस्टिंग मशीन (यूएसएफडी) का प्रयोग किया जा रहा है. वही प्रत्येक 3 महीने पर हर सेक्शन में इस मशीन से पटरियों की जांच की जाती है. ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली से भी इस तरह की खामी को पहचानने में मदद मिलती है. इन सबके बावजूद रेल पटरी की निगरानी करने वाले ट्रैक मैन, की मैन, गैंगमैन जैसे रेल कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. जंहा वह नियमित रूप से विशेषकर देर रात व सुबह पटरियों की जांच करके सुरक्षित रेल परिचालन का भरोसा दिलाते है. 

यदि बात करें सूत्रों कि तो रेलवे ट्रैक की निगरानी करने वाले गश्ती दल को एक पुस्तिका दी जाती है, जिसमें उसके कार्य का विवरण भरा जाता है. इस पुस्तिका को वह अपने कार्यक्षेत्र समाप्त होने पर वहां से आगे की जिम्मेदारी संभालने वाले कर्मचारियों को सौंप देते हैं. इसी के आधार पर यह पता चलता है कि उन्होंने ईमानदारी से ड्यूटी की है या नहीं. अब उन्हें इस तरह की पुस्तिका लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ती है. क्योंकि जीपीएस आधारित उपकरण से वह अपने अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे. इससे उनकी लोकेशन का पता चलता रहेगा. इसके साथ ही उन्हें पटरी में किसी तरह की गड़बड़ी की जानकारी रेलवे स्टेशन पर तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों को देने में मदद मिलेगी. जल्द जानकारी मिलने से समय रहते उचित कदम उठाया जा सकता है जिससे रेल हादसों को रोकने में मदद मिलेगी. इस तरह की सुविधा अबतक रेल चालकों व गार्ड को दी रही थी.

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