नई दिल्ली: कुछ समय में एक के बाद एक भड़कती हिंसा ने चारों तरफ परेशानी का माहौल बना दिया है. वहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़काने के मामले में आम आदमी पार्टी से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के बाद अब कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की संलिप्तता सामने आई है. जगतपुरी इलाके में हुई हिंसा के मामले में बीते शनिवार यानी 29 फरवरी 2020 को इशरत को गिरफ्तार कर लिया गया. इशरत जहां कांग्रेस से लंबे समय से जुड़ी हुई है. पेशे से अधिवक्ता इशरत जहां अपने क्षेत्र में काफी सक्रिय रही हैं. वहीं सूत्रों का कहना है कि इशरत जहां साल 2012 में दिल्ली के घोंडली से कांग्रेस के टिकट पर पार्षद चुनी गई थी. वह साल 2017 तक पार्षद रहीं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया था. इसके बाद भी वह कांग्रेस से ही जुड़ी रहीं. सीएए के खिलाफ वह काफी मुखर रही हैं.
इशरत जहां की मौजूदगी में चली थीं गोलियां: जंहा इस बात का इलज़ाम है कि उत्तर पूर्वी जिले में हिंसा के बीच 26 फरवरी 2020 को जगतपुरी इलाके के खजूरी में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की मौजूदगी में गोलियां चलाई गई थी. इस मामले में दर्ज एफआइआर के मुताबिक इशरत जहां ने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि हम चाहें मर जाएं, लेकिन हम यहां से नहीं हटेंगे, चाहे पुलिस कुछ भी कर ले, हम आजादी लेकर रहेंगे. इसी दौरान प्रदर्शनकारियों में शामिल खालिद नामक शख्स ने भीड़ से कहा कि पुलिस पर पथराव करो.
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इसके बाद पुलिस पर पथराव शुरू हो और गोलियां भी चलने लगीं. जंहा पुलिस ने इस मामले में इशरत के अलावा खालिद, समीर प्रधान, सलीम, शरीफ, विक्रम ठाकुर, अजार उर्फ भूरा, इशाक, हाजी इकबाल, हाशिम, समीर, बिलाल, यामीन कूलर वाला, साबू अंसारी व अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया है. सभी के खिलाफ दंगे, हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं. इनमें से कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं कुछ फरार चल रहे हैं.
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