भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन वार्ताकार आज दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के प्रदर्शनकारियों को मनाने के लिए चर्चा करने के लिए बैठक करेंगे. बैठक टीम के सदस्य संजय हेगड़े के घर पर होगी, जिसमें साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह प्रदर्शनकारियों को एक वैकल्पिक स्थान पर आंदोलन करने के लिए मनाने के लिए बातचीत की रूपरेखा तय करेंगे. शीर्ष अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 24 फरवरी की तारीख तय की है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मंगलवार सुबह से सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए मध्यस्थों के शाहीन बाग पहुंचने की सूचना पर असमंजस की स्थिति रही. शाहीन बाग में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यस्थता तय किए जाने के बाद से प्रदर्शनकारियों के बीच कई सवाल उठ रहे हैं. लेकिन प्रदर्शन में किसी आधिकारिक व्यक्ति या संस्था का न होना लोगों को अखर रहा है. प्रदर्शनकारियों के सवालों के जवाब देने के लिए कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आ रहा है. ऐसे में लगातार 65 से अधिक दिनों से सड़कों पर बैठे प्रदर्शनकारी परेशान हैं.
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इस प्रदर्शन को लेकर किसी नतीजे तक पहुंचने के लिए नंद किशोर गर्ग और अमित साहनी द्वारा जनहित याचिका दायर कर कालिंदी कुंज के पास शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र और अन्य सक्षम संस्थाओं को निर्देशित करने की अपील की गई थी. याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली सार्वजनिक सड़क को अवरुद्ध करके शाहीन बाग में लोग अवैध रूप से विरोध प्रदर्शन कर रहे है. मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 17 फरवरी को तीन वार्ताकारों को लोगों से सड़क खाली करने के लिए बातचीत करने के लिए नियुक्त किया है.
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