शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई एक याचिका पर केंद्र से प्रतिक्रिया मांगी गई. इस याचिका में विभिन्न राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में हिंदुओं के अल्पसंख्यक होने की बात कही गई है लेकिन अन्य अल्पसंख्यकों द्वारा जिन अधिकारों का उपभोग किया जा रहा है उसे इंकार कर दिया गया. मामले पर चार मई को सुनवाई की जाएगी.
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इस मामले को लेकर चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरि शंकर ने गृह मंत्रालय, कानून और न्याय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को नोटिस जारी किया और याचिका पर उनकी प्रतिक्रिया की मांग की. इस याचिका में केंद्र से ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को परिभाषित करने की मांग की. इसके अलावा राज्य स्तर पर उनकी पहचान के लिए दिशानिर्देश जारी करने को कहा गया.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भाजपा नेता व वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दावा किया कि लद्दाख, मिजोरम, लक्षद्वीप, कश्मीर, नगालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब व मणिपुर में हिंदु समुदाय अल्पसंख्यकों में शामिल है.
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