शनिवार को शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के चलते बंद रास्ता खुलवाने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचेंगे. रविवार को बातचीत के लिए निर्धारित तारीख खत्म हो रही है. इससे पहले शाहीन बाग में बंद रास्ते खुलवाने के लिए लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी वार्ताकार पहुंचे. इस दौरान कुछ महिला प्रदर्शनकारियों ने उनकी सुरक्षा की शर्त मानने पर एक तरफ का रास्ता खोलने के संकेत दिए. यहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में करीब दो महीने से प्रदर्शन चल रहा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त वार्ताकार अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन शुक्रवार शाम करीब साढ़े छह बजे धरनास्थल पर पहुंचे और कहा कि वे केवल महिलाओं से बात करना चाहते हैं. उन्होंने धरनास्थल से सभी पुरुषों को हटने के लिए कह दिया. इसके बाद साधना रामचंद्रन ने महिलाओं से पूछा, क्या वे लोगों को परेशान कर धरना देना चाहती हैं? महिलाओं ने नहीं में जवाब दिया. फिर पूछा, आप सिर्फ एक सड़क पर बैठे हैं तो दूसरी तरफ की सड़क को चालू कर दिया जाए. महिलाओं ने कहा, क्या प्रशासन उन्हें सुरक्षा देगा. वार्ताकारों ने मौके पर मौजूद पुलिस अफसरों को बुलाकर वादा दिलाया, लेकिन दूसरा गुट राजी नहीं हुआ.
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धरने को समाप्त करने के लिए वार्ताकारों को प्रदर्शनकारियों के कई गुटों से बात करनी पड़ रही है. एक गुट धरनास्थल को छोड़कर यातायात चालू कराने पर राजी है तो दूसरा गुट इसके लिए राजी नहीं है.बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर से लगातार प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शन के चलते बंद रास्ता खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन वार्ताकारों संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीबुल्लाह को नियुक्त किया है, जो बुधवार से लगातार रोजाना बातचीत कर रहे हैं.
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