नई दिल्ली: देश में बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए अनेकों सालों से कानून बना हुआ है, वर्षों धर्म और समाज सुधार के लिए आंदोलन चले, किन्तु आज भी ये सामजिक बुराई जस की तस मौजूद है. दिल्ली के जहांगीरपुरी में ही ऐसा मामला प्रकाश में आया है जहां 15 साल की एक बच्ची का निकाह करवाया जा रहा था. जिसे दिल्ली महिला आयोग की सक्रियता के चलते रोक दिया गया.
इस मामले का एक अन्य पहलु यह है कि बच्ची का धर्म परिवर्तन करके निकाह करवाया जा रहा था. तभी मौके पर ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पहुंच गईं. उन्होंने फ़ौरन इस गैरकानूनी विवाह को रुकवा दिया. जहांगीरपुरी में हो रही इस शादी में दुल्हन की आयु महज 15 साल है, जबकि विवाह से संबंधित भारतीय कानूनों के मुताबिक, 18 से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी नहीं की जा सकती है.
जहांगीरपुरी के इस मामले को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट भी किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'जहांगीरपुरी में एक 15 साल की बेटी का धर्म परिवर्तन कर निकाह कराया जा रहा था, अभी मैंने और मेरी टीम ने इलाके के SHO के साथ मिलकर ये निकाह रुकवाया है. बहुत दुखद है कि देश से बाल विवाह खत्म होने का नाम नही ले रहा है. बच्चों से उनका बचपन छीनने वालों को सख्त सजा होना जरूरी है.'
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