NDIA गुट को राहुल के नेतृत्व पर भरोसा नहीं? ममता ने ठोंका लीडरशिप पर दावा

NDIA गुट को राहुल के नेतृत्व पर भरोसा नहीं? ममता ने ठोंका लीडरशिप पर दावा
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने INDIA गठबंधन के भीतर नेतृत्व की स्पष्टता की आवश्यकता पर जोर दिया था। ममता बनर्जी ने कहा कि इस गठबंधन को एक समन्वित और सक्षम नेतृत्व की जरूरत है, ताकि भाजपा के खिलाफ चुनावों में एकजुट होकर काम किया जा सके। ममता ने कहा कि, ''INDIA गठबंधन मैंने बनाया था, लेकिन अब इसके नेतृत्वकर्ता ही कुछ नहीं कर रहे हैं, तो मैं क्या करूँ?'' जाहिर है उनका इशारा राहुल गांधी की ही तरफ था, जो गठबंधन के शीर्ष नेता हैं। 

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर गठबंधन के नेतृत्वकर्ता यह जिम्मेदारी नहीं निभा सकते, तो वे क्या कर सकती हैं। उनका यह बयान इस बात को लेकर था कि इंडिया गठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति दिख रही है।ममता बनर्जी के इस बयान पर भाजपा ने प्रतिक्रिया दी और निष्कर्ष निकाला कि INDIA गठबंधन के भीतर राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, "INDIA गठबंधन का कोई भी नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व पर भरोसा नहीं करता है।" उन्होंने यह भी याद दिलाया कि गठबंधन के भीतर कभी अखिलेश यादव, कभी ममता बनर्जी और कभी स्टालिन खुद को नेता बताने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सभी एक स्वर में राहुल गांधी को नेता नहीं मानते। 

भंडारी ने यह भी कहा कि भाजपा राहुल गांधी को 'बालक बुद्धि' नहीं कहती, बल्कि यह आरोप INDIA गठबंधन के ही नेताओं का है। भाजपा का यह कहना है कि अगर गठबंधन के अपने नेता राहुल गांधी को नेता नहीं मानते, तो यह सवाल उठता है कि आम जनता क्यों उन पर विश्वास करेगी, खासकर अगर वह प्रधानमंत्री बनने का दावा करते हैं। इस स्थिति ने सवाल उठाया है कि क्या INDIA गठबंधन के सहयोगी सचमुच राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं करते हैं? अगर उनके ही गठबंधन साथी राहुल गांधी को अपना नेता नहीं मानते, तो क्या देश की जनता उन पर भरोसा कर पाएगी, खासकर जब वे प्रधानमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हैं? 

यह बयान और आरोप आगामी चुनावों के परिपेक्ष्य में महत्वपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि राजनीतिक समीकरण बदलते हुए नजर आ रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि INDIA गठबंधन इस आलोचना का कैसे जवाब देता है और क्या वह नेतृत्व को लेकर किसी स्पष्टता की दिशा में कदम बढ़ाता है।

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