नई दिल्ली : भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप टिर्की ने रविवार को बताया कि भारत ने हाल ही में ख़त्म हुए हॉकी विश्व कप में इतिहास दोहराने का स्वर्णिम मौका गंवा दिया और इसके साथ ही उन्होंने विश्वस्तरीय ड्रैग फ्लिकर्स तैयार करने पर जोर दिया. रूपिंदर पाल सिंह की अनुपस्थिति में भारत के पास हरमनप्रीत, अमित रोहिदास और वरूण कुमार के रूप में तीन ड्रैग फ्लिकर्स थे लेकिन उनका पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की दर केवल 30.7 प्रतिशत थी.
पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलना होगा
टिर्की ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, ‘हमें विश्वस्तरीय ड्रैग फ्लिकर्स की जरूरत है. हमारे पास अभी हरमनप्रीत, अमित रोहिदास और वरूण हैं. हमें उन पर ध्यान देने की जरूरत है. हमें महत्वपूर्ण मैचों में 60 से 70 प्रतिशत पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलना होगा.’ भारत अपने पूल में शीर्ष पर रहा था लेकिन वह क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड से 1-2 से हार गया था. टिर्की ने कहा कि युवा खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे.
प्राप्त जानकारी अनुसार टर्की ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारे युवा खिलाड़ी अपने क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए. बाकी टीम का प्रदर्शन बहुत अच्छा था. टैकलिंग अच्छी थी. दुर्भाग्य से हम क्वार्टर फाइनल में उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए. कुल मिलाकर यह अच्छा प्रदर्शन था. मुझे लगता है कि हमने विश्व कप जीतने का मौका खो दिया.
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