भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के निर्देश के बावजूद चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का लंबे इंटरनेशनल सत्र और कमर में चोट की वजह से आगामी राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेना कठिन है। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा ने गुरुवार को ज्यूरिख में प्रतिष्ठित डायमंड लीग फाइनल का खिताब जीत कर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि भी अपने नाम कर ली है। वह इस खिताब को जीतने वाले पहले भारतीय बने। इसके एक दिन के उपरांत उनसे 29 सितंबर से 12 अक्टूबर तक गुजरात के विभिन्न शहरों में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के बारे में पूछा जा चुका है।
चोपड़ा ने इस बारें में बोला है कि ‘राष्ट्रीय खेल करीब आ रहे हैं। मैं अभी कमर की चोट से उबर रहा हूं। मैं एक या दो सप्ताह तक प्रशिक्षण नहीं ले पाऊंगा। इसलिए मैं मुख्य रूप से अगले साल पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं।' IOA ने देश के शीर्ष एथलीटों के लिए खेलों में भाग लेना अनिवार्य कर दिया है, इससे कई खिलाड़ियों को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में परिवर्तन करना पड़ सकता है। IOA का निर्देश गृह मंत्री अमित शाह द्वारा खेलों के शुभंकर और राष्ट्रगान के लॉन्च के बाद आया है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बोला है कि यह अब तक के सबसे बड़े और भव्य राष्ट्रीय खेल होने वाले है।
राष्ट्रीय खेलों का आयोजन सात वर्ष के लंबे अंतराल पर होने वाला है। इस चोट की वजह से चोपड़ा अमेरिका में हुए वर्ल्ड चैम्पियन में रजत पदक जीतने के उपरांत इस साल जुलाई-अगस्त में राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले सके। उन्होंने हालांकि एक महीने के उपरांत 26 अगस्त को डायमंड लीग सीरीज के लुसाने चरण को जीतकर यहां फाइनल के लिए क्वालीफाई किया और इसके विजेता बनकर अंतरराष्ट्रीय सत्र को शानदार तरीके से समाप्त कर दिया गया है। वह डायमंड लीग मीट में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी है। उन्होंने लुसाने में 89.08 मीटर के थ्रो से अपने करियर के तीसरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ यह खिताब अपने नाम किया था।
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