विश्व में प्रेम के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध आगरा के ताज़ महल को जबसे राज्य सरकार ने पर्यटन सूची से बाहर किया है, तब से यह मुद्दा राष्ट्रीय के साथ -साथ अंतर राष्ट्रीय अख़बारों की सुर्खियां बन गया है. कहा जा रहा है कि ताज़ महल की उपेक्षा इसलिए हो रही है, क्योंकि इसे मुसलमान ने बनाया है.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के पर्यटक स्थलों की सूची वाली एक बुकलेट जारी की है, जिसमें ताज़ महल को जगह नहीं दी गई है. इसके बाद इस मामले की आलोचना होने लगी. कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान ने योगी सरकार की कड़ी आलोचना की. यहां तक की यह मामला अंतर राष्ट्रीय अख़बारों की सुर्खियां बन गया.
इसके बाद उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने सफाई दी कि बुकलेट में धार्मिक स्थलों की तस्वीरें प्रकाशित की गई हैं, क्योंकि ताजमहल एक पर्यटन स्थल है, इसलिए उसकी तस्वीर प्रकाशित नहीं की गई. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सरकार ताजमहल के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है. विश्व बैंक के सहयोग से संचालित प्रो-पुअर टुरिज्म योजना के तहत 156 करोड़ रुपये से ताज़ महल का विकास किया जाएगा.
बता दें कि इस मामले में अमेरिका के एक अख़बार ने तो शीर्षक ही दे दिया कि 'क्या भारत में ताजमहल की अनदेखी इसलिए हो रही है, क्योंकि उसे मुसलमान ने बनवाया है.' इसके अलावा आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन आदि देशों के अख़बारों ने भी इस मामले में खबरें छापी. स्मरण रहे कि दुनिया की खूबसूरत इमारतों में से एक ताज़ महल को 1983 में यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल किया गया . वहीँ 2007 में इसे विश्व के सात अजूबों में भी शामिल किया जा चुका है.
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