हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने देश के बंटवारे के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू को बगैर चुनाव के ही पहला प्रधानमंत्री बनाए जाने को अक्षम्य चूक बताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के आजाद होते ही सत्ता को चखने की जल्दबाजी में गलत फैसले लिए गए जिसका खामियाजा लंबे समय तक देशवासियों ने उठाया.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहरलाल पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एसएन अग्रवाल की कश्मीर समस्या पर आधारित किताब 'नेहरूस हिमालयन ब्लंडर्स द एक्सेसन ऑफ जम्मू एंड कश्मीर' का विमोचन कर रहे थे. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में Manoharlal khattar ने कहा कि कश्मीर की समस्या के लिए जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार थे। किताब में भी कश्मीर समस्या के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराया गया है.
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सिलसिलेवार तरीके से किताब में कश्मीर के मुद्दे पर घटनाओं और पंडित नेहरू की कथित गलतियों का जिक्र किया गया है. इस दौरान बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा का वेब पोर्टल लांच करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 70 साल बाद यह मौका आया है जब यह किताब विमोचित हुई. अगली पुस्तक 70 साल बाद आएगी जिसका टाइटल होगा 'नेहरूस हिमालयन ब्लंडर्स अपडन बाइ मोदी एंड शाह.'
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इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय हर रियासत अपना- अपना झंडा, अपना-अपना संविधान बना सकते थे, परंतु सरदार पटेल ने आवाज बुलंद की और तीन राज्यों को छोड़कर बाकी सभी को एक झंडे और एक संविधान के लिए मना लिया. सिर्फ जूनागढ़, हैदराबाद और जम्मू-कश्मीर के शासकों ने विरोध किया जिसके बाद सरदार पटेल ने अंगुली टेढ़ी की तो जूनागढ़ और हैदराबाद भी मान गए.
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