नील एल्डन आर्मस्ट्रांग अमेरिका के एक ऍस्ट्रोनॉट और चंद्रमा पर कदम रखने वाले प्रथम व्यक्ति थे. जिसके अतिरिक्त वे एक एयरोस्पेस इंजीनियर, नौसेना अधिकारी, परीक्षण पायलट, और प्रोफ़ेसर भी थे. ऍस्ट्रोनॉट बनने से पहले वे नौसेना का हिस्सा थे. नौसेना में रहते हुए उन्होंने कोरिया युद्ध में भी भाग लिया. नौसेना के उन्होंने पुरुडु महाविद्यालय से अपनी पढ़ाई को पूरा किया और एक ड्राइडेन फ्लाईट रिसर्च सेंटर में शामिल हो गए और एक टेस्ट पायलट के रूप में 100 से अधिक उड़ानें भरीं. यहाँ सुविधाए देने के उपरांत उन्होंने दक्षिण कैलिफोर्निया महाविद्यालय से परास्नातक की उपाधि प्राप्त कर ली.
आर्मस्ट्रांग को मुख्यतः अपोलो अभियान के ऍस्ट्रोनॉट के रूप में चाँद पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है. जिसके पहले वे जेमिनी मिशन के बीच भी अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर चुके है. अपोलो 11 वह अभियान था जिसमें जुलाई 1969 में पहली बार चाँद पर मानव सहित कोई यान उतरा और आर्मस्ट्रांग इसके कमांडर थे. उनके अलावा इसमें बज़ एल्ड्रिन, जो चाँद पर उतरने वाले द्वितीय व्यक्ति बने, और माइकल कॉलिंस जो चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते हुए मुख्य यान में ही बैठे थे.
अपने टीममेट्स के साथ, इस उपलब्धि के लिए आर्मस्ट्रांग को राष्ट्रपति निक्सन के हाथों प्रेसिडेंसियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किए गए. राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने उन्हें 1978 में कॉंग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया और आर्मस्ट्रांग और उनके साथियों को वर्ष 2001 में कॉंग्रेसनल गोल्ड मेडल दिया गया. आर्मस्ट्रांग की मौत सिनसिनाती, ओहायो, में 25 अगस्त 2012 को 82 साल की उम्र में बाईपास सर्जरी के दौरान हुई.
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