पटना: विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन में BSP के सम्मिलित होने की अटकलों को मायावती ने खारिज कर दिया है. मायावती ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव एवं आगामी विधानसभाओं में अकेले चुनाव लड़ेगी. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि बहुजन समाज पार्टी I.N.D.I.A गठबंधन में सम्मिलित हो सकती है तथा इसके लिए पूरी प्लॉटिंग भी की जा रही है. दरअसल, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने दलित समुदाय से आने वाले बृजलाल खाबरी को हटा दिया था, जिसके कारण ऐसा संदेश गया कि मायावती को कंफर्ट फील कराने के लिए उसने खाबरी को हटाकर अजय राय को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी है.
हालांकि, अब मायावती ने ट्वीट कर ऐसी सभी अटकलों को खारिज कर दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर कहा कि NDA एवं I.N.D.I.A गठबंधन अधिकतर गरीब विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं, जिनकी नीतियों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी निरंतर संघर्ष कर रही है. इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता. उन्होंने पार्टियों से नेताओं को तोड़कर सम्मिलित कराने को लेकर भी बड़े दलों पर निशाना साधा है.
मायावती ने कहा कि BSP विरोधियों के जुगाड़ या जोड़तोड़ से अधिक समाज के टूटे तथा बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से वर्ष 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा की भांति अकेले आगामी लोकसभा और 4 प्रदेशों में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी. इसके चलते मायावती ने विपक्षी दलों पर कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा ये लोग वैसे तो गठबंधन करने के लिए तैयार हैं, मगर ऐसा न करने पर खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की भांति भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं. मायावती ने विपक्षी दलों के सेक्युलरिज्म पर भी हमला बोलते हुए कहा कि इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर नहीं मिलें तो भाजपाई. यह उचित नहीं है तथा 'अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं' की कहावत जैसा है.
'अब मध्यप्रदेश के डॉक्टर्स को साल 2016 से ही मिलेगा सातवां वेतनमान..', सीएम शिवराज ने किया ऐलान