वाशिंगटन: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी केस में बड़ी राहत मिली है। न्यूयॉर्क की अदालत ने शुक्रवार (10 जनवरी 2024) को ट्रंप को किसी भी सजा से मुक्त कर दिया। 78 वर्षीय ट्रंप पर न तो कोई जुर्माना लगाया गया और न ही जेल की सजा दी गई। अदालत ने उन्हें "अनकंडीशनल डिस्चार्ज" का फैसला सुनाते हुए उनके खिलाफ यह मामला पूरी तरह बंद कर दिया।
अदालती फैसले के बाद ट्रंप ने इसे "डेमोक्रेट्स की साजिश" करार दिया और कहा कि यह मामला कभी था ही नहीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर ट्रंप ने प्रतिक्रिया दी, "यह फैसला साबित करता है कि यह सिर्फ मेरे खिलाफ चलाया गया एक शिकार अभियान था। यह न्याय के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।"
जस्टिस जुआन मर्चन ने ट्रंप को "अनकंडीशनल डिस्चार्ज" देते हुए कहा कि दोषसिद्धि के बावजूद उन्हें कोई कानूनी सजा नहीं दी जाएगी। इसका मतलब है कि उनके रिकॉर्ड में दोषसिद्धि तो दर्ज रहेगी, लेकिन इसका कोई व्यावहारिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस फैसले के साथ ही ट्रंप के खिलाफ यह मामला खत्म हो गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए ट्रंप ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा, "यह डेमोक्रेट्स की एक और बड़ी हार है। वे हर बार असफल साबित हो रहे हैं।" ट्रंप के वकीलों ने भी अदालत में दलील दी कि यह केस राजनीति से प्रेरित था और इसका मकसद ट्रंप को राजनीतिक नुकसान पहुँचाना था।
हश मनी केस 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ा है। आरोप था कि ट्रंप ने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए 1.30 लाख डॉलर का भुगतान किया था। यह भुगतान कथित तौर पर चुनावी नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया और इसे छुपाने के लिए व्यावसायिक दस्तावेजों में हेरफेर की गई। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि यह भुगतान ट्रंप की चुनावी संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए किया गया था। हालाँकि, ट्रंप ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया। उनके वकीलों का कहना था कि यह मामला ट्रंप को बदनाम करने के लिए गढ़ा गया था।
मई 2024 में ट्रंप को इस मामले में व्यावसायिक रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के 34 मामलों में दोषी ठहराया गया था। इन मामलों में अधिकतम चार साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन अदालत ने ट्रंप को किसी भी तरह की सजा देने से इनकार कर दिया। यह अमेरिकी इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी पूर्व राष्ट्रपति को आपराधिक मामले में दोषी करार दिया गया, लेकिन सजा से मुक्त कर दिया गया। यह मामला डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स के बीच राजनीतिक खींचतान का प्रतीक बन गया था।
इस फैसले के बाद ट्रंप ने इसे अपनी "बड़ी जीत" बताते हुए कहा कि यह उनके खिलाफ चलाए गए "शिकार अभियान" का अंत है। वहीं, उनके समर्थकों ने इसे न्याय की जीत बताया। दूसरी ओर, डेमोक्रेट्स ने फैसले की आलोचना करते हुए इसे अमेरिकी न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े करने वाला करार दिया।
डोनाल्ड ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति या पूर्व राष्ट्रपति बन गए हैं जिन्हें आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया, लेकिन सजा से राहत मिली। यह फैसला 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की राजनीति को और गर्म कर सकता है, जहाँ ट्रंप एक बार फिर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।