नई दिल्ली: नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की वह बैठक स्थगित हो गई है, जिसमें पीएम के.पी. शर्मा ओली के भविष्य पर फैसला होना था। आधिकारिक ऐलान के अनुसार, मीटिंग सोमवार तक के लिए स्थगित हुई है। पीएम मोदी के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने बताया कि लंबित मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के दिग्गज नेताओं को और समय की आवश्यकता है, इसलिए बैठक सोमवार तक के लिए स्थगित की गई है।
पार्टी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को होने वाली थी। NCP के शीर्ष नेताओं ने ओली के भारत विरोधी बयान के कारण उनका इस्तीफा मांगा है। उनका कहना है कि भारत विरोधी टिप्पणियां 'न तो सियासी रूप से सही हैं और न ही कूटनीतिक लिहाज से उचित हैं।' पीएम ओली के खिलाफ स्वयं उनकी ही पार्टी के दिग्गज नेता और सदस्य खड़े हो गये हैं। उनका मानना है कि भारत के खिलाफ टिप्पणी करना और ये कहना कि उन्हें पद से हटाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, ये बेहद गलत है। इस बारे में पार्टी के कार्यकारी प्रमुख पुष्प कुमार दहल प्रचंड ने ओली की कड़े शब्दों में आलोचना की थी।
इतना ही नही ओली के फैसलों की वजह से उनकी सरकार के कई मंत्री भी उनके खिलाफ हो गये थे और पार्टी के सांसदों ने भी उनकी आलोचना की थी। विषेशज्ञों की माने तो केपी ओली चीन के बहकावे में आ गये हैं। उन्होंने चीन द्वारा भड़काए जाने पर भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसके साथ ही भारत के तीन क्षेत्रों को अपने नक्शे में शामिल कर उसे संसद में पारित भी करा लिया।
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