काठमांडू: नेपाल में इन दिनों सत्ता में काबिज कम्युनिस्ट पार्टी में कोहराम मचा हुआ है और इसका नुकसान पार्टी को भुगतना पड़ रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी के एक धड़े की अगुवाई पीएम केपी शर्मा ओली कर रहे हैं जबकि दूसरे धड़े की कमान पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड कर रहे हैं। पार्टी की इस जंग से परेशान होकर लोग अब सड़कों पर उतर रहे हैं और इसकी एक झलक आज काठमांडू में देखने को मिली है।
शुक्रवार को काठमांडू की सड़कों पर हजारों की संख्या में राजशाही के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया और देश में पुनः राजशाही लाने की मांग की। ये राजशाही समर्थक हाथों में झंडे लिए हुए थे और मौजूदा सरकार की नीतियों और उसके खिलाफ नारे लगा रहे थे। प्रदर्शन में शामिल हुए एक व्यक्ति ने बताया कि नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार के नेता देशहित कम, किन्तु अपना हित अधिक देख रहे हैं और आपस में लड़ रहे हैं। इससे देश को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
विरोध के दौरान लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार के दौरान ना रोजगार हैं ना ही अन्य सुविधाएं। लोगों का आरोप है कि इस सरकार के दौरान भ्रष्टाचार अपने शीर्ष पर है। देश में जहां एक ओर कोरोना संकट छाया हुआ है, वहीं दूसरी ओर सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वह लोगों की समस्याओं को हल नहीं कर पा रही हैं और कोरोना पर नियंत्रण पाने में विफल रही है। काठमांडू में आज हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान लोग मास्क पहने नजर आए। नेपाल में अभी तक 1,551 लोग इस महामारी के कारण जान गंवा चुके हैं।
जानिए क्या है सिंगापुर में ख़ास?
एक्सट्रीम एडवेंचर ही नहीं बल्कि प्राकृतिक खूबसूरती से भी भरपूर है क्वींसटाउन
दुनिया के अमीर लोगों में शामिल हुआ BioNTech के संस्थापक का नाम