नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों को लेकर देश की सरकार ही नहीं वाली विदेशो की सरकार भी मुस्तैद हैं. ऐसा ही एक मामला नेपाल से सामने आया हैं जहाँ एक गिरोह नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करता था. नेपाल पुलिस ने उस गिरोह का भंडाफोड़ किया. बताया जा रहा है यह गिरोह लोगों को भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे ठगी करता था.
इस गिरोह ने अब तक तकरीबन 60 लोगों को चूना लगाया है. वहीँ पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि, "रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में नौकरी दिलवाने का झूठा वादा कर गिरोह के छह सदस्य लोगों से मोटी रकम वसूलते थे." नेपाल पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 6 लोगों को हिरासत में लिया है. इन 6 लोगों की पहचान रामानंद नोनिया, संतोष कारकी, बिनोद कारकी, पदम बहादुर श्रेष्ठ, चित्रा बहादुर श्रेष्ठ और गीता महाराजन के रूप में की हुई.
वहीँ पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि यह अपराधी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से तीन से पांच लाख नेपाली रुपये वसूलते थे और फर्जी जॉब के दस्तावेज के लिए यह लोग भारतीय दूतावास के जाली लैटरहेड का प्रयोग करते थे. वहीँ पुलिस ने बताया इस गिरोह की शिकायत उन्हें करीबन 10 लोगों से मिली थी और पुलिस इस गिरोह के सदस्यों की तलाश में जुटी थी.
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