हिंदी सिनेमा की एक्ट्रेस कंगना रनौत को लोग 'बॉलीवुड की क्वीन' के नाम से भी बुलाना ज्यादा पसंद करते हैं और इसके अलावा 'बॉक्स ऑफिस डायनेमो' और 'वन वुमन आर्मी' जैसे उनके और भी कई नाम फैंस ने रखें हैं. वे तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रहीं है और अभिनेत्री कंगना रनौत ने हाल ही में कहा है कि वे हमेशा से ही कुछ ऐसा बनना चाहती थी, जो किसी हीरो की साइडकिक (सहायक या संगी) न हो.
आपको बता दें कि कंगना द्वारा साल 2006 में महेश भट्ट की फिल्म 'गैंगस्टर' से बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा गया था और इसके बाद के सालों में उन्होंने कई ऐसी फिल्में की जिसे उन्होंने स्वयं अपने दम पर ही चलाया जैसे कि 'क्वीन', 'तनु वेड्स मनु' फ्रैंचाइजी और 'मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ झांसी' आदि.
हाल ही में उनसे सवाल किया गया कि क्या इस तरह के लेबल से वह खुद पर दबाव महसूस करती हैं? इस सवाल के जवाब में कंगना ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा कि , "मुझे ऐसा नहीं लगता. जब आपको वह चीज मिलती है, जिसकी आपको तलाश रहती है या जिसके लिए आपने काफी लंबा इंतजार किया है, तब आपको उसे एक जिम्मेदारी के तौर पर ही लेना चाहिए, है ना? मैं हमेशा से कुछ ऐसा बनना चाहती थी जो किसी हीरो की साइडकिक (सहायक या संगी) न हो क्योंकि जब फिल्म में कोई बड़ा हीरो होता है तो आप महज एक साइडकिक बनकर रह जाते हो."
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